पत्रकारिता की दुनिया में बहुत ही तुच्छ प्राणी, संघर्ष का दौर चल रहा है। अपने आप को खड़ा करने की कोशिश कर रहा हूं। इरादे नेक और बहुत बड़े हैं। बहुत दूर जाना है। मालूम है राह मुश्किल है लेकिन कदम हैं कि रुकते नहीं। इसी उम्मीद के साथ कि यही कदम मेरी मंजिल तक पहुंचाएंगे।
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